बीरपुर वैसे तो काफी densely populated गाँव है , एक तरफ गंगा होने से गाँव का फैलाव ज्यादा नहीं हो पाया . पर गाँव Bio Diversity से भरपूर है . गाँव के पूर्वी छोर की ओर असरनाथ मंदीर से एक हरीत पट्टी शुरू होती है जो पलियां गाँव तक जाकर खत्म होती है . इस हरित पट्टी में कई बाग बगीचे और घना जंगल है . इसमें नीलगाय , सियार, हिरन , खरगोश , जहरीले साँप पाए जाते है , हालाकि इन कुछ दिनों में इस क्षेत्र में हरियाली काफी कम हो गयी है . पिछले साल जब मै जब कुछ बॉस काटने इस क्षेत्र में गया था तो पंचदेव ( बीरपुर का पटहेर) मेरे साथ था , बताने लगा , "बीस -तीस साल पहले इस क्षेत्र में आने में डर लगता था ". पंचदेव बीरपुर कापटहेर है और हरेक काम में माहिर बन्दा है. गंगा के उचे तटबंध पर बसा ये इलाका आज भी काफी रोमांचक है और एक अलग एहसास देता है , इस इलाके की कुछ तस्वीरे पोस्ट कर रहा हूँ.
आमी कोट , बीरपुर से लिया हुआ गंगा मैया का खुबसूरत नजारा
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सुंदर नज़ारा, जय गंगा मैया!
ReplyDeleteगंगे तव दर्शनान्मुक्ति:!