गंगा के अस्तित्व के बारे में एक ह्रदय बिदारक लेख लिखा है , हिन्दुस्तान के सम्पादक शशि शेखर जी ने , आप भी नजर डाले और गंगा को बचाने के लिए कुछ करे .
Tuesday, February 2, 2010
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बीरपुर,तेरी गलियों का _ _ _वो शोर याद आता है
....शायद हमीं लोग गंगा-जमुना को भूल गए हैं.
ReplyDeleteBahut chitanprad aalekh..
ReplyDeletebahut saarthak aalekh... prasuti hetu dhanyavaad