Tuesday, March 3, 2009

बात कुछ बीस साल पुरानी है. पापा मम्मी के साथ मै बीरपुर जा रहा था. आरा से ट्रेन मुगलसराय के लिए खुली. उस समय शटल पसेंजेर ट्रेन चला करती थी. स्टीम इंजन की वो ट्रेन अब इतिहास बन चुकी है. धुँआ उडाती , सीटी बजती ट्रेन सभी स्टेसन पर रुकती ,सभी का ध्यान रखती ,सबको साथ लेकर चलती हुई बक्सर को पार करके बिहार छोड़कर उत्तर प्रदेश में प्रवेश में करती है और मै...............................

1 comment:

  1. mobile ki najar bahut achchhi hai,aage bhi ham chahenge ke ki tumahar camra aise hi dekhe,shubhkamnayen

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